तिरंगा देश की आन बान और शान का प्रतीक है। इसकी अपनी गरिमा है। इसकी गरिमा को हर हाल में बचाकर रखना चाहिए
लेकिन
अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि इसे अब हर बलात्कारी/ भ्रष्टाचारी आदि सभी अपने नापाक हाथों से लहराएंगे
“हर घर तिरंगा” की जगह “हर घर रोज़गार” होता तो यक़ीन जानें, साल दो साल में ही देश से बेरोज़गारी/ भुखमरी आदि दूर हो जाएगी और हमारा देश, दुनिया में ख़ुशहाल देश भी हो जाएगा लेकिन अफ़सोस कि देश के नेताओं के भेजों में ऐसी शानदार सोच घुसती ही नहीं है
मौलाना मोहम्मद सैफुल्लाह ख़ां अस्दक़ी
राष्ट्रीय अध्यक्ष: ग़ौसे आज़म फाउंडेशन