किसी की कामयाबियों की कहानियां सुनना यक़ीनन आपको पसंद होगा और कुछ लोग हसद/ बुग़्ज़ की वजह से उसकी कामयाबियों की कहानियां सुनना नापसंद भी करते होंगे। संसार में हर तरह की सोच के लोग होते हैं, जिसकी जैसी सोच होगी वह वैसा ही व्यवहार करेगा। बस! यह ध्यान ज़रूर रखें कि कामयाबी हासिल करना कोई आसान बात नहीं इसके लिए अपना तन मन धन और वक़्त सब कुछ लगाना पड़ता है
आप भी कामयाबियां हासिल करें। ज़रूरी नहीं कि आपका बैक ग्राउंड मज़बूत हो या आप पर किसी का हाथ हो। बस नेक दिली से ख़ुदा का नाम लेकर दिल में ठान लें और पुरी शिद्दत से उस काम में लग जाएं, इं शा अल्लाह एक न एक दिन कामयाबी ज़रूर मिलेगी और फिर आपकी भी कामयाबियों की कहानियां सुनना और सुनाना लोग शुरू कर देंगे
पैंतीस साल की अपनी इमामत में मैंने अपनी आंखों से देखा है कि जिसका बैक ग्राउंड मज़बूत होता है वह ज़्यादा कुछ नहीं कर पाता है और जिस पर किसी का हाथ होता है, वह हाथ वाले की चमचागिरी/ दलाली/ अंधभक्ती वग़ैरा में ही अपनी पुरी ज़िन्दगी खपा देता है
मज़े की बात तो यह है कि काम करने का मज़ा उस समय और आता है जब हासिदों की संख्या अधिक हो जाती है। यह मेरी नज़र में बहुत ही अच्छी बात है क्योंकि आपका प्रचार प्रसार चर्चा वग़ैरा इनके द्वारा निशुल्क होता रहता है और आप हमेशा इनके द्वारा याद किए जाते रहते हैं और बहुत से ऐसे नेक लोग भी होते हैं जो आपकी कामयाबियों पर झूम उठते हैं और आपके लिए ढेरों दुआएं किया करते हैं
मौलाना मोहम्मद सैफुल्लाह ख़ां अस्दक़ी
चेयरमैन: ग़ौसे आज़म फाउंडेशन
with respect, an indian educated Nobel winner may not want to see modi as PM, but Andh bhakt want to see as PM to modi again and again….Sayed Sajid Ali
अल्लाह तआ़ला आप को सलामत रखे
शानदार पोस्ट
Aameen
Shukriya